प्रसिद्धि
वह जो आकाश में चमकता है,
सूर्य कहलाता है।
वह प्रसिद्ध है—
इसलिए नहीं कि वह प्रकाशमय है
बल्कि इसलिए
कि वह प्रकाश में है।
आकाश में उसका जो निर्धारित स्थान है,
उसी के कारण उसकी प्रसिद्धि और सम्मान है।
अन्यथा,
कई नक्षत्र ज्यादा प्रकाशमान हैं
सूर्य से कहीं अधिक शक्तिमान हैं।
पर वे दिनकर नहीं कहलाते
क्योंकि धुंधलके में हैं खो जाते।
जो वे वह जगह पा जाते,
यानी प्रकाश में आ जाते,
तो तेज वही बिखराते
दिनपति वही कहलाते।