कवि
मैं एक कवि हूँ।
कविताएँ लिखी थीं मैंने भूख और ग़रीबी पर;
मुझे मिला है
लाखों रुपयों का पारितोषिक
और ऊँचा हो गया है मेरा जीवन स्तर।
वैसे,
भूख और गरीबी से मेरा
कुछ नहीं सरोकार;
पर मैं प्रगतिशील हूँ, इसलिए
रोज़ पढता हूँ
इन चीज़ों से सम्बद्ध समाचार।
समाचार छपा है—
ग़रीब भूख से मर गया।
और मुझे एक नया विषय सूझा है—
कि भूख ग़रीबी मिटाने का अद्भुत हथियार है।
इस विषय पर लिखूंगा मैं
कुछ और कविताएँ।
अभी आज्ञा दें,
नमस्कार है।